हरीश शर्मा मुंबई में रहते हैं और वहीं एक स्कूल में एक लैब अटेंडेंट की पोस्ट पर कार्यरत हैं। वह लेखक भी हैं गज़लों,कविताओं से अपनी लेखनी की शुरुआत कर वह अब उपन्यास लेखन की तरफ मुड़ गए हैं। देवदूत और जाल उनकी दो शृंखलाएँ हैं जिन्हें पाठकों का भरपूर प्यार प्राप्त हुआ है। हाल ही में एक बुक जर्नल ने हरीश शर्मा से उनके लेखन, लेखन के उनके सफर और उनकी रचनाओं पर बात की। आप भी पढ़िए। उम्मीद है यह बातचीत आपको पसंद आएगी। बातचीत निम्न लिंक पर जाकर पढ़ी जा सकती है: