रघुवीर जब चाय की टपरी पर पहुँचा तो उसकी पेशानी पर बल साफ दिखाई दे रहा था। आखिर रघुबीर परेशान क्यों था? जानने के लिए पढ़िये लघु-कथा 'सलाह'।