उपन्यास के कथा केंद्र में है नीना, जो किसी दूसरे के गीत में बिंधा महज़ कोरस नहीं बल्कि अपने में सम्पूर्ण सिंफनी है, हर औरत का इतिहास नहीं होता, सिर्फ समझौतों से भरी सकरी गलियाँ होती हैं। नीना का इतिहास था, विद्रोहों और उद्धत्ता, प्रेम और आवेगों से रंगीन इतिहास।