गुलशन नंदा का उपन्यास 'वापसी' 1965 के भारत पाकिस्तान युद्ध के बाद की पृष्ठभूमि पर लिखा गया है। उपन्यास श्री डिजिटल प्रकाशन द्वारा किंडल पर प्रकाशित किया गया है। यह एक भावना प्रधान उपन्यास है जिसमें एक अच्छे रोमांचकथा बनने के गुण थे लेकिन लेखक इससे बचे हैं। उपन्यास के बार पढ़ सकते हैं। संपादन की कमी भी उपन्यास में दिखती है। उपन्यास के प्रति विस्तृत विचार: