A short Hindi poem: ये ऊँची इमारतें इनके नीचे दफन है कुछ पेड़, कुछ पंछियों के नीड़ शायद कोई संकरी गली छप्परों से ढकी जो झुग्गियों में तब्दील हुई कोई बहती नदी जो धीरे धीरे नाले में बदल गयी