वर्क फ्रॉम होम ने भारत में औरतों की आज़ादी और दुनिया को फिर से एक चारदिवारी में समेट दिया है, हाँ यहाँ आना-जाना आसान नहीं लेकिन सफ़र करने में भी आत्मविश्वास बढ़ता है! ये औरतों को वापिस उन बंधनों में बाँध रहा है जिनसे वो बड़ी लम्बी लड़ाइयों के बाद कुछ मुक्त हुई थीं- घर के काम, बच्चों की देखभाल, बुज़ुर्गों की देखभाल, अब भी काम सब उसके ही हैं थोड़ा बाहर आज़ादी की सांस ले लेती थी वो भी छिन्न गयी है, लॉक डाउन में घरेलू हिंसा भी बढ़ी और औरतों और माओं की बेबसी भी।