आदिकाल से ही सनातन धर्म में आषाढ़ माह की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा पर्व के रूप में मनाया जाता है। शिवपुराण के अनुसार अठ्ठाईसवें द्वापर में इसी दिन भगवान विष्णु के अंशावतार वेदव्यास जी का जन्म हुआ। चारों वेदों का बृहद वर्णन करने और वेदों का सार 'ब्रह्मसूत्र' की रचना करने के फलस्वरूप ही ये 'महर्षि व्यास' नाम से विख्यात हुए। इन्होंने महाभारत सहित अट्ठारह पुराणों एवं अन्य ग्रन्थों की भी रचना की, जिनमें श्रीमदभागवतमहापुराण जैसा अतुलनीय ग्रंथ भी है। इस दिन जगतगुरु वेदव्यास सहित अन्य गुरुओं की भी पूजा की जाती है।