A short Hindi poem about nature: नियामतें हैं बिखरी चारों ओर धरती, आसमान, दरख़्त, जंगल चिड़ियों का कलरव, हवाओं के गीत पानी की सरगम, पेड़ों का संगीत सुन पाओ तो ध्यान से सुनो