यशवंत व्यास ने अपनी किताब ‘बोसकीयाना’ में गुलज़ार साब के साथ एक लंबी बातचीत को सहेजा है। ‘बोसकी’ गुलज़ार की बेटी हैं, ‘बोसकीयाना’ गुलजार साब का घर, जहाँ वरिष्ठ पत्रकार-संपादक यशवंत व्यास के साथ उनकी कई आत्मीय मुलाक़ाते हुईं, ये किताब उसी संवाद का निष्कर्ष है।